गीत
तुमको मेरे भजन न भाये |
सांस सांस बन गई आरती ,
स्वर बन गूंजे भजन तुम्हारे |
धडकन धडकन बनी बांसुरी ,
टेरे तुमको सांझ सकारे |
तुमको
यह वन्दन न सुहाए |
स्नेह गंध सरसी कलियों के ,
हार युगल चरणों पर वारे |
अक्षत , कुमकुम , अर्घ्य अश्रु जल ,
रो रोकर तव चरण पखारे |
तुमको यह अर्पण न सुहाए |
लगन तुम्हारी , ध्यान तुम्हारा ,
मन में रूप अनूप समाया |
तिल तिल जले प्राण की बाती ,
चन्दन धूप बनी यह काया |
तुमको यह अर्चन न सुहाए |
ह्रदय पटल पर चित्र तुम्हारा ,
नयनों
में उसकी प्रति छाया |
श्याम पुतलियों में छवि जगमग ,
मैं निरखूँ , सब जगत लुभाया |
तुमको यह दर्पण न सुहाए |