गीत
लो पंछी नीड़ों से जाते |
पूरब ने बिखराई रोली |
चल दी अलमस्तों की टोली |
चलते साथ प्रभाती गाते |
लो पंछी नीड़ों से जाते |
रजनी भर के
सपनें संग हैं |
साँसों से प्रिय अपने संग हैं |
राह कटेगी गाते गाते |
लो पंछी नीड़ों से जाते |
पंखों में साहस है गति है |
जीवन का पर्याय प्रगति है |
जो चलते वे मंजिल पाते |
लो पंछी नीड़ों से जाते |