देश का गीत
आज नया सूरज उग आया जागा हर इन्सान , धीरे धीरे खोल रहा है पलके हिदुस्तान | अपनी धरती अपना अम्बर , अपने चाँद सितारे , मुस्कायें तो फूल बरसते , रोयें तो अंगारे, इसी लिए आँखों में आंसू , मन में स्वर्ण विहान | आज नया सूरज उग आया ...... काश्मीर की शालें अपनी तिब्बत का पशमीना , अभी अजन्ता में गीला है , अपना खून पसीना | हमनें दी है ताजमहल के ओठों को मुस्कान | आज नया सूरज उग आया ........ चना मटर जौ गेहूं सरसों , माखन मिश्री ताजा , जो धरती से पैदा करता , वह धरती का राजा | हल ,हासिये के जोर पर करवट लेगा हिदुस्तान | आज नया सूरज उग आया ..... मेरी छैनी का जादू , मेरी भाली का टोना , पत्थर को भगवान बना दे औ` माटी को सोना | सतरंगी संस्कृति कर रही दुनियां में यश गान | आज नया सूरज उग आया .....
वाह!!!
जवाब देंहटाएंलाजवाब सृजन।
, सुधा जी बहुत बहुत आभार ।
जवाब देंहटाएंसुंदर अति सुंदर
जवाब देंहटाएंजरा एक नजर इधर भी
https://ajourneytoheart.blogspot.com/2020/08/blog-post_31.html
सतीश जी बहुत बहुत आभार |
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