मंगलवार, 18 जनवरी 2022

तुम किसी से यह बात मत कहना

 

              गीत

 

तुम किसी से यह बात मत कहना ,

कोई तुम्हारी दाह में जल रहा है |

     नयन में तुम्हारे सपने सजा कर ,

     अश्रु में किसी के प्राण गल रहे हैं |

     बूँद बूँद पर चिर प्यास की कहानी ,

     लेकर किसी के साँस चल रहे हैं |

          तुम किसी से यह बात मत कहना ,

          कोई तुम्हारी चाह में गल रहा है |

     प्राण में तुम्हारी सुधियाँ बसा कर ,

     आज तक किसी के गीत रो रहे हैं |

     गीत के गीले स्वरों पर किसी की ,

     पीड़ा मचलती स्वप्न सो रहे हैं |

          तुम किसी से यह बात मत कहना ,

          कोई तुम्हारी थाह में छल रहा है |

     तुम्हारे निठुर प्यार की साधना में ,

     किसी के ह्रदय की करुणा मचलती |

     पग तो थके बार बार पंथ में पर ,

     किसी की विकल चाहना नित्य चलती |

           तुम किसी से यह बात मत कहना ,

 कोई तुम्हारी राह में चल रहा है |

 

     

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

10 टिप्‍पणियां:

  1. तुम्हारे निठुर प्यार की साधना में ,
    किसी के ह्रदय की करुणा मचलती |
    पग तो थके बार बार पंथ में पर ,
    किसी की विकल चाहना नित्य चलती |///
    मन की विरह वेदना की मधुर, सरस और मार्मिक अभिव्यक्ति//
    हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई आदरणीय कविराज 🙏🙏💐💐

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  2. बहुत बहुत धन्यवाद आभार रेणु जी बधाई व शुभ कामनाओं के लिए

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  3. बहुत सुन्दर भावसिक्त सृजन ।

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  4. तुम्हारे निठुर प्यार की साधना में ,

    किसी के ह्रदय की करुणा मचलती |

    पग तो थके बार बार पंथ में पर ,

    किसी की विकल चाहना नित्य चलती |
    बहुत ही लाजवाब एवं मार्मिक...
    हृदयस्पर्शी सृजन।

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  5. सुधा देवरानी जी बहुत बहुत धन्यवाद आभार

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  6. बहुत सुन्दर परम अभिव्यक्ति ...
    कोमल भावनाओं को जोड़ कर लिखी मन की बात ... असरदार ... लाजवाब ...

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  7. बहुत बहुत धन्यवाद आभार नासवा जी

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