गाँव का गीत
शासन
नौका खेने वालो ,
राम-राज देने वालो ,
एक बार तुम जी कर देखो , जीवन किसी
किसान का |
कैसे एक दिवस कटता है ,छोटे से इन्सान का |
भरे जेठ की कड़ी दुपहरी ,
खड़े खड़े सिर पर उतरी |
और पूस की रात अंधेरी ,
खेत सींचने में गुजरी |
वर्षा में बाढ़ों ने घेरा , सूखे ने
मारी फसलें ,
ऐसा कोई दिवस नहीं जो पल भर को भी हम हंसलें ,
दुःख सबके हरने वालो ,
जन सेवक बनने वालो ,
एक बार सुख लेकर देखो , तुम तिनकों
की छान का |
छोटी हो या बड़ी हाट में ,
असली चीज नहीं मिलती |
कई कई दिन बिजली गायब ,
चक्की रोज नहीं चलती |
]
कभी खाद
पानी दुर्लभ तो , कभी न मिलतीं
औषधियां , कभी तेल के लिए भटकते ,बिलख बिलख रोतीं खुशियाँ ,
शहरों में रहने वालो ,
हर सुविधा पाने वालो ,
-
कभी द्रश्य
आ तुम भी देखो , राशन की
किसी दुकान का |
माटी की कच्ची झोंपड़ियाँ
,
ऊंचे नीचे पथ सारे |
जगह जगह जल कुण्ड पोखरें
,
टेढ़े सकरे गलियारे |
रिश्वत अपनी बैसाखी है , घृणा उपेक्षा
जीवन सार ,
जाति , धर्म की
गहन खाइयाँ , बिखर रहा
युगों का प्यार |
ग्रामोदय करने वालो ,
नीति नित्य रचने वालो ,
क्या ये ही नक्शा खींचा है , तुमने हिदुस्तान
का |
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर सृजन आदरणीय सर
आपको और आपके समस्त परिवार को नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं
कामिनी जी शुभ कामनाओं के लिए बहुत बहुत आभार | आप सदैव सपरिवार स्वस्थ सानन्द रहें ऐसे वही निरंतर लिखती रहें | अनेकानेक शुभ कामनाएं व आशीष |
जवाब देंहटाएंअत्यंत सुन्दर और हृदयस्पर्शी सृजन सर ।
जवाब देंहटाएंआपको और आपके समस्त परिवार को नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं
मीना भारद्वाज जी बहुत बहुत धन्यवाद आभार
हटाएंबहुत सुंदर l
जवाब देंहटाएंआपको और आपके समस्त परिवार को नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं l
मनोज जी बहुत बहुत धन्यवाद आभार
हटाएंवाह , सुंदर रचना !
जवाब देंहटाएंसतीश जी बहुत बहुत धन्यवाद , आभार
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर रचना।
जवाब देंहटाएंज्योति जी बहुत बहुत धन्यवाद , आभार
हटाएंएक बार तुम जी कर देखो, जीवन किसी किसान का |
जवाब देंहटाएंकैसे एक दिवस कटता है ,छोटे से इन्सान का |
वाह!!!
बहुत ही सटीक सुन्दर लाजवाब सृजन।
सुधा जी बहुत बहुत बधाई , आभार
हटाएंआलोक जी, मुझे खेद है कि इस उत्कृष्ट गीत से सजे पृष्ठ पर मैं इतने विलम्ब से आया । काश हमारे संवेदनहीन तथा आत्म-मोह में डूबे नीति-नियंता इस गीत को पढ़ें तथा इसके शंब्द-शब्द में अंतर्निहित पीड़ा को अनुभूत करें ।
जवाब देंहटाएंजितेन्द्र जी बहुत बहुत आभार
जवाब देंहटाएं