फूल कली न हों तो चमन नहीं होता ,
सूर चन्द्र के बिना गगन नहीं होता |
वह सबसे अभागा गरीब है जग में ,
जिसके पास प्यार का धन नहीं होता |
२
जाने कैसा घुटन भरा अँधेरा है ,
सकल कारवाँ विपदाओं ने घेरा है |
पथ-दर्शक सब पैदल से फर्जी हुए ,
किस से पूछें कितनी दूर सवेरा है |
स्वरचित --- आलोक सिन्हा
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