शुक्रवार, 31 जुलाई 2020

गजल

                 गजल

 

   जिन्दगी जब किसी मुश्किल में डगमगाती है ,                     

         कहीं कमी हैं हममें अहसास ये कराती है |            

 

           स्वप्न भले टूटे , पर आदर्श न छोड़ो अपने, ,         

         आत्मा न हो तो देह धूल कण कहलाती है |         

 

         शहर डूबा तो बारिश को सब ने दोष दिया ,            

         जिम्मेदारी तो इन्तजामों पर भी आती है |           

 

         खुद पर भरोसा हो तो चाहे जो काम करो ,,             

         डोरी सहारे की तो अक्सर  टूट जाती है |            

 

        झूठी तारीफ से बहकना तो मंजूर हमें ,                 

        मार्ग - दर्शन की पर आलोचना न भाती है |         

 

           `झूठ` जब बोले , सदा फूल से झरते मुख से ,               

       सच को `जबान `क्यों ये हुनर नहीं सिखाती है |       

              आलोक सिन्हा           

            

 

 

 

 

 


मंगलवार, 21 जुलाई 2020

मुक्तक

मुक्तक  
             फूल कली न हों तो चमन नहीं होता , 
 सूर चन्द्र के बिना गगन नहीं होता | 
 वह सबसे अभागा गरीब है जग में ,            
जिसके पास प्यार का धन नहीं होता |  

२ 
 जाने कैसा घुटन भरा अँधेरा है , 
 सकल कारवाँ विपदाओं ने घेरा है | 
 पथ-दर्शक सब पैदल से फर्जी हुए ,           
 किस से पूछें कितनी दूर सवेरा है | 

 स्वरचित --- आलोक सिन्हा

सोमवार, 20 जुलाई 2020

मुक्तक

मुक्तक 

 भाग्य में अपने क्या बस काली रात है ,
नयन ने पाई आंसू की सौगात है | 
बस ऊंचे पेड़ों तक आता उजियारा ,
गाँव में अपने उगता अजब प्रभात है |  
                 
                    २ 
 मैंने उगता छिपता सूरज देखा है  ,                                                                                                                  क्षितिज नहीं कुछ भी बस भ्रम की रेखा है | 
तुम शासन के प्रगति आंकड़े मत बांचो ,
भोग रहे जो बस वह असली लेखा है |
 
स्वरचित -- आलोक सिन्हा ---http://aloksinha1508.blogspot.com/2020/07/blog-post_20.html

रविवार, 19 जुलाई 2020

मुक्तक

मुक्तक 

 आंसुओं के घर शमाँ रात भर नहीं जलती , 
 आंधियां हों तो कली डाल पर नहीं खिलती | 
 धन से हर चीज पाने की सोचने वालो , 
 मन की शान्ति किसी दुकान पर नहीं मिलती | 

                       २

 जिन्दगी एक दर्द भी है गीत भी है ,
 जिन्दगी एक हार भी है जीत भी है | 
 तुम इसे यदि प्यार का एक साज समझो , 
 तो यह सौ खुशियों भरा संगीत भी है |

स्वरचित --- आलोक सिन्हा http://aloksinha1508.blogspot.com/2020/07/blog-post.html