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रविवार, 19 जुलाई 2020

मुक्तक

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मुक्तक   आंसुओं के घर शमाँ रात भर नहीं जलती ,   आंधियां हों तो कली डाल पर नहीं खिलती |   धन से हर चीज पाने की सोचने...
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मेरे बारे में

आलोक सिन्हा
सेवा निवृत प्रधानाचार्य , शिक्षा - एम. ए. इतिहास , हिन्दी , जन्म -- १५ अगस्त १९४२ - बुलन्दशहर . उ. प्र. ( गृह नगर )
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